पिता के पास बची थी सिर्फ 6 महीने की जिंदगी, बेटे ने अपना लिवर देकर बचा ली जान

मध्य प्रदेश के इंदौर में साइटस इन्वर्सस टोटेलिस का दुर्लभ मामला सामने आया है. यहां एक ऐसा व्यक्ति मिला है, जिसके सभी भीतरी अंग शरीर में उल्टी तरफ हैं. ये दुनिया का छठा और देश का चौथा मामला है. इस मामले से ग्रसित एक बेटे ने पिता को लीवर देकर जान बचा ली. दुर्लभ सर्जरी से पिता को जीवनदान मिला है. करीब 12 घंटे तक बेहद दुर्लभ मामले में दुर्लभ सर्जरी चली.

जानकारी के मुताबिक, महू में रहने वाले 27 साल के प्रखर कौशल हैदराबाद में निजी आईटी कंपनी में कार्यरत हैं. उनके पिता प्रदीप कुमार कौशल आर्मी में सिविल डिफेंस एक्सपर्ट हैं. 59 साल के प्रदीप कौशल लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे. उनके बेटे प्रखर का लिवर उनसे मैच हो गया. चोइथराम अस्पताल में जांचें करवाईं तो सब हैरान रह गए. क्योंकि, प्रखर का लिवर दाईं की जगह बाईं तरफ निकला. उनके हार्ट समेत दूसरे अंग भी उल्टी दिशा में हैं.सामान्य व्यक्ति के शरीर के अंदरूनी अंगों के मुकाबले प्रखर कौशल के सारे अंग शरीर के दूसरी ओर हैं. उन्हें एक साल की उम्र में ही मां ने बताया था कि उनका दिल दूसरी ओर है.

विश्व में अब तक थे केवल 5 केस

चोइथराम अस्पताल के लीवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ (Liver Transplant Specialist) डॉ. सुदेश सारडा के मुताबिक प्रखर के शरीर के अंदर के अंगों की जो स्थिति है, उसे साइटस इनवर्सस टोटलिस कहते हैं. इस तरह के केस वाले लीवर डोनर विश्व में सिर्फ पांच ही थे. इसमें से तीन भारत, दो जापान में हुए थे. इंदौर में प्रखर का केस अब तक का छठवां केस है.

ये होता है साइटस इनवर्सस टोटलिस

साइटस इनवर्सस टोटलिस के केस में व्यक्ति की किडनी समेत शरीर के सभी अंदरूनी अंगों की जगह बदली हुई होती है. ये सभी एक तय स्थान पर नहीं होते, लेकिन, इसके कारण व्यक्ति कोई परेशानी नहीं होती. वह स्वस्थ व्यक्ति की तरह होता है.

12 घंटे में हुई सर्जरी

डॉ. सुदेश सारडा के मुताबिक, इस तरह के केस में एक तरह से अंगों की मिरर इमेज कही जा सकती है. सामान्य लीवर ट्रांसप्लांट में जहां चार से पांच घंटे का समय लगता है, वहीं इस केस में करीब 12 घंटे तक सर्जरी चली. प्रखर की मां संध्या कौशल ने बताया कि बेटा शुरू से लीवर डोनेट करने के लिए तैयार था, पर मुझे ये चिंता थी कि इसके अंग शरीर के दूसरे हिस्से में हैं, ऐसे में ट्रांसप्लांट होगा या नहीं. जांच होने में करीब छह माह का समय लगा.

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Live Reporter अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

Umi Patel

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