सिर्फ 2 रूपये में सबको पराठा खिला रहा था बुजुर्ग दंपति, जब सच सामने आया तो चौंक गए सब लोग
इंसान जो जीया रहता है, उसे कभी भूल नहीं पाता है. वह दूसरों को ऐसी परिस्थिति में देखता है तो उसे अपना दिन याद आ जाता है. ऐसे में कई लोग मदद के लिए आगे भी आते हैं. ऐसी ही कहानी तमिलनाडु में एक बुजुर्ग कपल की है जो गरीबों को 2 रुपये में पराठा खिलाते हैं.
73 साल के बाला कृष्णन और 66 साल की उनकी पत्नी लक्ष्मी नागरकोइल के राजपथई में रहते हैं. वे दोनों पिछले 30 साल से एक भोजनालय चला रहे हैं. इसमें वे 2 रुपये में पराठा बेचते हैं.
कपल ने अपने 2 रु. वाले पराठे की कीमत पिछले 12 साल से नहीं बढ़ाई है. उनका मानना है इन पराठों से बहुत से गरीबों, स्टू़डेंट्स का पेट भरता है. ऐसे में वह इसका दाम नहीं बढ़ा सकते हैं.
बालकृष्णन ने 30 साल पहले होटल की शुरुआत की थी. इसका नाम अम्मा रखा था. लोग यहां रुककर लजीज पराठे का आनंद लेते थे. वहां अन्य दुकानों पर आमतौर पर पराठा 6 से 10 रुपये में मिलता है. लेकिन, कपल ने गरीबों और छात्रों के लिए पराठे की कीमत कम ही रखी.
लक्ष्मी का कहना है, हम चाहते हैं कि सबकी भूख शांत हो इसलिए 2 रुपये में पराठा बेच रहे हैं. वह बचपन में गरीबी देखी हैं तो भूख का मतलब जानती हैं. वहीं, बाला कृष्णन का कहना है कि उनके पिता के निधन के बाद मां के ऊपर 5 बच्चों की जिम्मेदारी थी. हमने बचनप में पराठे बिकते देखा था, लेकिन खा नहीं पाए थे.
वह बड़े होकर परिवार की मदद के लिए चेन्नई चले गए और एक ढाबे में काम करने लगे. हमने गरीबी देखी है इसलिे कीमत सामान्य रखे हैं कि कोई भी भूख मिटा सके. शुरू में पराठे की कीमत 25 पैसे थी. अब 2 रुपये का बेचते हैं.
कपल दुकान से 200 मीटर की दूरी पर 150 स्क्वॉयर फीट के कमरे में रसोई वाले घर में रहता है. इसे 15 साल की बचत से उन्होंने खरीदा है. कपल इसमें संतुष्ट है.
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