गलवान में शहीद हुए नायक दीपक सिंह की पत्नी भी सेना में बनेंगी अफसर, पांच दिन चले इंटरव्यू के बाद पास की परीक्षा

शहीद सैन्य जवानों और अधिकारियों की पत्नियों को सेना में भ्रती होने के लिए यूपीएससी द्वारा कराई जाने वाली सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा में शामिल होने में छूट दी जाती है. ये पास करने के बाद एसएसबी इंटरव्यू की पात्रता होती है.

15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान (Galwan) घाटी में चीन से संघर्ष में शहीद हुए बिहार के नायक दीपक सिंह (Naik Deepak Singh) की 23 साल की पत्नी रेखा देवी (Rekha Devi) ने अपने पति के रास्ते पर चलने का फैसला लिया है. मध्य प्रदेश के रीवा में रहने वाली रेखा देवी ने सेना में शामिल होने के लिए महत्वपूर्ण परीक्षा पास कर ली है. वो सेना के अधिकारी के रूप में सेवाएं देंगी. शहीद दीपक सिंह बिहार रेजीमेंट की 16वीं बटालियन में नायक थे. वो गलवान घाटी में चीनी सैनिकों को खदेड़ने के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे. पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानिक किया था.

दीपक सिंह की पत्नी रेखा देवी ने ये सम्मान ग्रहण किया था परमवीर औऱ महावीर चक्र के बाद वीर चक्र तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है. पांच दिन तक चले इंटरव्यू के बाद रेखा देवी का चयन हुआ है. रेखा देवी ने शुक्रवार को सेवा चयन बोर्ड की परीक्षा पास कर ली. एक सैन्य अधिकारी के अनुसार इलाहबाद में पांच दिन चले इंटरव्यू के बाद उनका चयन किया गया. अब उन्हें चेन्नई में सेवा पूर्व प्रशिक्षण दिया जाएगा. चयनित प्रत्याशियों की सूची संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी किए जाने के पहले रेखा देवी को मेडिकल टेस्ट पास करना होगा.

शहीद की पत्नियों को मिलती छूट

शहीद सैन्य जवानों और अधिकारियों की पत्नियों को सेना में भ्रती होने के लिए यूपीएससी द्वारा कराई जाने वाली सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा में शामिल होने में छूट दी जाती है. ये पास करने के बाद एसएसबी इंटरव्यू की पात्रता होती है. शहीदों की पत्नियों को आयु सीमा में छूट मिलती है. वैसे ओटीएम के लिए आयु सीम 19 से 25 साल तय है.

30 जवान हुई थे शहीद

नायक दीपक सिंह सेना में चिकित्सा सहायक थे. उन्होंने समय पर इलाज कर 30 भारतीय जवानों की जान बचाई थी. सात घंटे चले गलवान घाटी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. वहीं चीन के भी 40 से ज्यादा जवान औऱ अधिकारी मारे गए थे. संघर्ष के दौरान ही नायक दीपक सिंह घायल जवानों की मदद के लिए मोर्चे पर पहुंचे थे. इसी दौरान चीन सैनिकों की ओर से मारा गया एक पत्थर उनके सिर पर आकर लगा. इसके बाद भी उन्होंने कई घायल जवानों की मदद की.

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Umi Patel

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